Home / News / बचपन में सुनने की शक्ति चली गई लेकिन तकदीर से लड़ते हुए, मात्र 4 महीने में बनी IAS अधिकारी और अब कर रही है…………

बचपन में सुनने की शक्ति चली गई लेकिन तकदीर से लड़ते हुए, मात्र 4 महीने में बनी IAS अधिकारी और अब कर रही है…………

भारत देश में आपने ऐसी अनोखी कहानी बहुत बार सुनी होगी कि एक व्यक्ति ने किस तरीके से अपने जीवन में अपनी कठिनाइयों से लड़ते हुए जीत हासिल कर ली लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने वाले हैं जिन्होंने बचपन से संघर्ष करा और अंत में अपनी मंजिल को हासिल करें लेकिन उनके लिए आसान नहीं था कि आप सोच रहे हैं की उन्होंने अपने बचपन में ही अपने सुनने की शक्ति को दी थी जिसके बाद वह कुछ समय तक डिप्रेशन में चली गई थी।

भारत देश में यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है और इसकी तैयारी करने के लिए लोग साल साल तक लगा देते हैं यूपीएससी की परीक्षा देने के बाद आईएएस आईपीएस और आईएएस जैसे उच्च पद मिलते हैं लेकिन यहां रास्ता इतना भी आसान नहीं होता जितना कि आप सभी लोग सोच रहे होंगे जो भी व्यक्ति इस रास्ते पर चलता है उसको अपने जीवन के बहुत सारे कष्टों को साथ लेकर चलना होता है हम बात कर रहे हैं आप सभी के समक्ष दिल्ली के रहने वाले सामान्य और मध्यम वर्ग की लड़की के बारे में जिनका नाम है सौम्या शर्मा जिन्होंने बचपन में सुनने की शक्ति खो दी थी ,इसके बावजूद भी उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी और अपनी तकदीर से लड़ते हुए आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंच गई।

हम आप सभी को बता देते हैं कि सौम्य शर्मा बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी अच्छी थी और वहां दिल्ली के रहने वाली हैं इन सभी बातों के साथ-साथ हुआ एक सामान्य और मध्यम वर्गीय परिवार की पढ़ ली बड़ी लड़की है लेकिन बचपन में सुनने की शक्ति को देने की वजह से उन्हें अपने जीवन में खाता दिक्कतों का सामना करना पड़ा है जिन्होंने उसके बारे में इंटरव्यू में बताया था उसके बाद जाकर लोगों को इस बात की खबर लगी थी कि उन्होंने किस तरीके से अपने जीवन में मेहनत और प्रयास करें हैं।