दिल्ली के लोगों के लिए खास तोहफा दिल्ली के परिवहन विभाग ने दिया है. दिल्ली के परिवहन विभाग ने दिल्ली में पहली बार 100% पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक पर चलने वाली बड़ी बेस्ट बसों के बेड़े को सड़कों पर उतार दिया है. इसका परिचालन आज 17 जनवरी से शुरू कर दिया जाएगा. हर तरीके से फायदे है. इलेक्ट्रिक बस का तोहफा दिल्ली वालों के लिए हर तरीके से फायदे का सौदा है. इस बस का किराया अमूमन अन्य यातायात सार्वजनिक साधनों के तुलना से कम है. यह 12 मीटर लो फ्लोर की पूर्ण रूप से वातानुकूलित बसें होंगी. इसमें दिव्यांग जनों के लिए बस पर ही रैंप लगे हुए हैं जो कि मुख्य रूप से विदेशों में सार्वजनिक परिवहन में देखने को मिलते हैं.
आज से शुरू हो जाएगा सेवा
इलेक्ट्रिक बसों की सेवा आज दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और श्री कैलाश गहलोत (दिल्ली परिवहन मंत्री) की उपस्थिति में डीटीसी इंद्रप्रस्थ डिपो से आज दोपहर 12:00 बजे से सेवाओं को हरी झंडी दे दी जाएंगी. अभी और 5000 बस आएंगे. इन सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से चालू किया जा रहा है और दिल्ली की सड़कों पर 5000 अलग-अलग रूटों पर पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक बस को सेवा में लाया जाएगा जिसके लिए दिल्ली सरकार पहले से ही ऑर्डर दे चुकी हैं.
जान लीजिए पूरे मार्ग का रूट
बस में जीपीएस और लाइव ट्रैकिंग की सुविधा दी गई है. इससे व्यक्ति अपने मोबाइल ऐप में अपने नजदीक आ रहे या अपने पास से दूर जा रहे अपने रूट पर के बस देख सकते हैं. मोबाइल ऐप में दिल्ली की सारी अन्य इलेक्ट्रिक बस से भी एक साथ दिखाई देंगी अतः आप अपने रूट पर केवल खड़े हो कर देख सकते हैं कि कितनी देर में आपको इलेक्ट्रिक बस आएगी. बस में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पिंक सीट और उसके साथ ही पैनिक बटन लगाया गया है. पैनिक बटन दबाते ही अगल-बगल के आपातकालीन सेवाओं को सूचना मिल जाएगी जिसमें पुलिस विभाग और फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन सेवाएं शामिल हैं.

यह डीटीसी की प्रोटोटाइप नई बसें हैं और जल्द ही इस बेड़े में 300 इलेक्ट्रॉनिक बसों को और शामिल किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी आज यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर रहे हैं. 341 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरुआत लखनऊ सुलतानपुर राजमार्ग पर चंदसराय गांव से गाजीपुर जिले के हलदरिया गांव पर खत्म होगा.