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पाकिस्तान में नहीं, भारत में है जिन्ना के नाम का टावर,जानिए इसके बारे में

 

हो सकता है अपने जिन्ना टावर के बारे में पहले न सुना हो, आपको बता दे की ये टावर पाकिस्तान में नहीं भारत में है, जी हां आप सही पढ़ रहे है , ये टावर आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में स्थित है। पिछले कुछ समय से आए दिन इस टावर पर विवाद की खबरे सुनने को आ रही है। जिससे जिन्ना टावर खूब सुरखियो में है।

आखिर क्यों बना हुआ है ये विवाद का मुद्दा ?

बताया जा रहा है की ये टावर आंध्र प्रदेश में ही एक रोड pr स्थित है और जिस सड़क पर यह टावर बनाया गया है उसका नाम महात्मा गांधी रोड है। गांधी रोड पर जिन्ना का टावर ही इस जगह की खासियत मानी जाती है । भारत और पाकिस्तान के नोक झोल भरे रिश्तों के बीच भारत में था टावर एक सद्भाव का प्रतीक माना जा सकता है।
इसके सुर्खियों में होने की वजह है इसका तिरंगे के रंग में रंगा जाना , आपको बता दे की वाई एस आर पी ले विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने इस टावर को तिरंगे के रंग में रंगा है। बीजेपी ने इस टावर का नाम अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग की थी तब से ही यह मुद्दा गरमाया हुआ है। यह टावर 6 पिल्लरो पर खड़ा है। कई लोग इसे हिंदू मुसलमान के भाईचारे का प्रतीक भी मानते है ।

कब और क्यू बनाया गया ये टावर ?

ऐसा कहा जाता है की यह टावर जन बाशा ने बनवाया था जो की गुंटूर के लोकल मुस्लिम नेता थे। यह टावर उन्होंने पाक के फल पीएम लियाकत अली खान के गुंटूर टूर के बाद बनवाया था। इस टावर को लेकर नगरनिगम पर भी सवाल उठाए जाते है ,क्युकी वो इसकी सही से हिफाज़त नही
करती, इसी तरह 1966 में भी इस टावर का नाम बदल कर हमीद टावर रखे जाने की मांग हो रही थी जिसे नगर निगम द्वारा ही रिजेक्ट किया गया।

मोहम्मद मुस्तफा ,गुंटूर ईस्ट के विधायक का कहना है की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुस्लिम नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. आजादी के बाद कुछ मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान में बस गए. लेकिन हम भारतीयों के रूप में अपने देश में रहना चाहते थे और हम अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं.’