नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा का सफर आसान होने वाला है. जल्द ही डीएनडी फ्लाईओवर पर लगने वाली जाम की परेशानी से लोग निजात दिलाएंगे। डीएनडी रोड से आश्रम फ्लाईओवर तक 50 प्रतिशत से अधिक पेंटिंग तैयार की जा चुकी है। रोड पेंटिंग का काम जोर-शोर से चल रहा है। चैलेंज पेंटिंग्स को 6 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। 24 दिसंबर 2019 को इस चुनौती की आधारशिला रखी गई।
परियोजना को पूरा होने से क्या होगा
इस परियोजना के पूरा होने से दिल्ली से नोएडा और बड़े नोएडा की यात्रा करने वाले लाखों लोगों को लाभ होने वाला है। इस 6 लेन के फ्लाईओवर के दौरान आश्रम से डीएनडी तक 3 लेन जा सकती है और डीएनडी से आश्रम लौटने के लिए मल्टीलेन रोड बनाई जा रही है. आमतौर पर शहर के लोग दिल्ली जाने के लिए डीएनडी फ्लाईओवर का सहारा लेते हैं। ऐसे में बार-बार दिल्ली लौटने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ता है. इस योजना से लोग जाम में फंसे न होकर नोएडा आ सकेंगे।
बनने में खर्च होंगे 128 करोड़ रुपये
ग्रेटर नोएडा के यात्री या कार्यस्थल के यात्री दिल्ली आने के लिए डीएनडी फ्लाईओवर का उपयोग करते हैं। आईटीओ और सराय काले खां से दक्षिणी दिल्ली जाने वालों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ेगा। कई बार इंसान ऑफिस जाने के चक्कर में पीछे छूट जाता है। इस निर्माण कार्य पर करीब 128 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा से एम्स, सफदर जंग, एस्कॉर्ट और अपोलो अस्पताल जाने वाले यात्रियों को फिर भी ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है. जल्द ही मनुष्य बिना रुके सीधे आश्रम में आ सकेंगे।
जाम में फंस सकते हैं…
पहली बार, नोएडा प्राधिकरण नोएडा-ग्रेटर नोएडा थ्रूवे को री-सरफेसिंग की तकनीक से पुनर्निर्माण कर रहा है। इस तकनीक की सहायता से सड़क को खुरच कर सड़क का निर्माण किया जाता है और उसी सामान का फिर से दोहन किया जाता है। नोएडा प्राधिकरण का हिस्सा चौबीस किलोमीटर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बीस क्लिक है।
इस वजह से दिल्ली से नोएडा-ग्रेटर नोएडा जा रहे हैं या फिर ग्रेटर नोएडा से परिचौक होते हुए दिल्ली जाने वालों को खासी परेशानी आ रही है. यहां पर 2-2 किमी लम्बे ट्रैफिक जाम लगते हैं. कुछ मिनटों का सफर घंटों में बदल सकता है. इसकी वजह है नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर चल रहा अंडरपास और रोड री-सरफेसिंग का काम.