यह बात तो सभी को पता होगी कि हनुमान जी अपने भक्तों का आने वाले सभी कठिन समस्याओं का निवारण पल भर में ही कर देते हैं। अगर आप सच्चे मानव निष्ठा के साथ उनका पूजन करते हैं तो वह आपको भी कष्ट में नहीं छोड़ेंगे आपके सभी कष्टों का निवारण हो अवश्य करेंगे ऐसी पूर्ण तौर से मान्यता है। कि हनुमान जी वह भी शीघ्र खुश होने वाले देवताओं में से एक माने जाते हैं उनकी पूजा पाठ में आपको ज्यादा से ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता वह आपके सच्चे मन और सच्ची निष्ठा से प्रसन्न हो जाते हैं शायद यही कारण है कि आज के वक्त में भी हनुमान जी की भक्तों की संख्या सर्वाधिक मानी जाती है। हनुमान जी राम भक्त हैं तथा उनकी शरण में जाने मात्र से भक्तों की तमाम समस्यां दूर हो जताई हैं।
वही यदि आप हनुमान जी के भक्त हैं तथा किसी खास कामना के पूरी होने के लिए उनकी भक्ति कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसी के अनुसार ही पवनसुत की मूर्ति तथा उसे स्थापित करने की दिशा होनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुछ बातों का ध्यान रख लिया जाए तो इच्छित मनोकामना शीघ्र ही पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं अपनी मुराद के मुताबिक हनुमान जी की किन प्रतिमाओं की पूजा करनी चाहिए।
इस दिशा में प्रतिमा रखने से मिलता है लाभ:
यूं तो पवनपुत्र की कई ऐसी मूर्ति या फोटो हैं जिनकी पूजा से व्यक्ति के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं किन्तु किसी खास कामना की पूर्ति या फिर घर की दुख-तकलीफों को दूर करना हो तो हनुमानजी की खास मुद्रा की मूर्ति रखनी चाहिए। घर में उत्तरमुखी तथा दक्षिणमुखी हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि आती है। मानसिक क्लेश की दिक्कत भी दूर हो जाती है। किन्तु यदि कार्यक्षेत्र में कोई परेशानी हो तो घर में तथा कार्यस्थल पर सफेद रंग की मूर्ति वाले हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।