पूरे विश्व में भारत अपनी धार्मि मान्यताओं के कारण बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। वही देश में कुछ ऐसी मान्यताएं दी है जिसे लोग बहुत ही ज्यादा धर्म और निष्ठा से मानते हैं। लेकिन उन्हें इसके पीछे की असल वजह नहीं पता है। वास्तव में भी वास्तु के हिसाब से जो भी कार्य किए जाते हैं वह हमेशा शत-प्रतिशत शुभ ही होते हैं। वही आज हम वास्तु शास्त्र में चर्चा करेंगे घंटे के बारे में. योगिनी तंत्र में बताया गया है कि महादेव के मंदिर में भल्लक, सूर्य के मंदिर में शंख तथा दुर्गा के मंदिर में बांसुरी और माधुरी नहीं बजाने चाहिये।
वही जय सिंह कल्प द्रुम के मुताबिक, पूजा के वक़्त सदैव घंटा या घंटी बजाना शुभ है। घंटा सर्ववाद्दमय माना गया है। भारत के अतिरिक्त चीनियों ने भी इसे समझा तथा आज बाजार में कई प्रकार की विंड चाइम्स उपलब्ध है, यही नहीं गिरजाघरों में भी घंटी बजाने की परम्परा है।
इसके साथ ही घंटे की आवाज नकारत्मक ऊर्जा को हटा कर सकारात्मक ऊर्जा को एकत्र करके स्थान के वास्तु को शुद्ध करती है। इसलिये पूजा घर में अपने वामभाग में घंटा बजा कर रखना चाहिये। उसकी गंध, अक्षत, पुष्प से पूजा करनी चाहिये। साथ-साथ इस मन्त्र का जप करना चाहिए…
मन्त्र है – ॐ भूर्भुव: स्व: गरुड़ाय नम:।