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जीवन में पाना चाहते हैं सफलता तो ,गीता के इन 12 देशों का करे पालन

कहा जाता है कि गीता पढ़ने से आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है क्योंकि गीता पढ़ने से जीवन के बहुत से दुख होगा निपटने का मंत्र आपको मिल जाता है। और आप उस पर अमल करते हैं तो आपके कष्टों का निवारण भी अवश्य ही होता है अगर आपको अपना जीवन जीने का नया तरीका या उसको मार्ग ढूंढना है तो उसके लिए आपको गीता का पाठ कर सकते हैं गीता में ऐसे कई उद्देश्य दिए गए हैं जिसके द्वारा आपका जीवन बदल सकता है और आप तरक्की की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। गीता में कई उपदेश हैं जो जीवन बदल सकते हैं। आज हम लाये हैं वह 12 उपदेश जो हमे जीवन में सफल होने का संदेश देते हैं।

* ‘क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।’

* ‘जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है।’

* ‘जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।’

* ‘आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो। अनुशासित रहो, उठो।’

* ‘मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।’

* ‘इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है।’

* ‘मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।’

* ‘व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।’

* ‘अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है।’

* ‘किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।’

* ‘जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।’

* ‘जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।’