भारत में किस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने वाला है वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण से यह माना जा रहा है कि यहां सूर्य ग्रहण के बाद भारत के दो ही भागों में दिखेगा। इस सूर्य ग्रहण का देखने का सहयोग केवल अरुणाचल प्रदेश और लता के लोगों को ही मिलेगा इसके अत्यंत किसी और राज्य में इस का दीदार नहीं हो सकेगा साथ ही साथ वैज्ञानिकों का यह मानना है। कि भारत के कुछ ऐसे इससे जरूर होंगे जिसमें सूर्यास्त के समय कुछ झलकियां देखने को मिल सकती हैं लेकिन यहां पूर्ण रूप से संभव नहीं है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. यह खगोलीय घटना तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई ने बताया कि सूर्य ग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों से ही दिखाई देगा.
अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5:52 बजे (Surya Grahan 2021 Timing) इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा. वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में जहां, शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा, शाम लगभग 6 बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा. दुरई ने बताया कि उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े क्षेत्र में सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा.
भारतीय समयानुसार सुबह 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह दोपहर 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा. इसके बाद फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय यानी आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा. दुरई ने कहा कि सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार शाम लगभग 6:41 बजे समाप्त होगा. विश्व में कई संगठन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) की घटना के सीधे प्रसारण की व्यवस्था कर रहे हैं.
बता दें कि इस साल का यह पहला सूर्य ग्रहण है. इसी दिन शनि जयंती (Shani Jayanti) और ज्येष्ठ अमावस्या भी है. ये सूर्य ग्रहण इसलिए खास है, क्योंकि शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बना है. इससे पहले शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था.