अगर आप अपने जीवन में किसी भी काम , किसी भी प्रतियोगिता , किसी परीक्षा में सफल नहीं हो पा रहे है तो मंगल मंत्र को गायन और ध्यान करने से आपको सभी फल प्राप्त होंगे। यह आपको आपकी कोशिशों में बहुत सहायता करता है। और आप अपने काम में सफल होने के लिए भी मदद करता है
मंगल लक्ष्योंन्मुख कोशिशों में सहायक हैं। परीक्षा, प्रतियोगिता तथा क्रीड़ा कौशल में मंगल का असर सर्वाधिक रहता है। अच्छे सेनापति के गुण मनुष्य में मंगल की कृपा से ही आते हैं। दाम्पत्य जीवन में शुभता तथा स्थायित्व में मंगल ग्रह का खास विचार किया जाता है। मंगल ध्यान मंत्र का जाप उनकी शुभता बढ़ाने के लिए सबसे आसान उपाय है।
रक्तमाल्यांबरधरः शक्तिशूल गदाधरः।
चतुर्भुज रक्त रोमा वरदः स्याद् धरासुतः।।
इस मंत्र का सूर्याेदय बेला में ध्यान मग्न होकर पाठ मनन तथा विचार करने से मंगलदेव खुश होते हैं। कार्य कारोबार के अवरोध हटते हैं। श़त्रुबाधा दूर होने लगती है। मानव संसाधन एवं प्रबंधन से संबंधित कोशिशों में कामयाबी मिलती है। प्रभाविता में बढ़ोतरी होती है। मंगल की कृपा से खेलकूल इत्यादि शारीरिक गतिविधियों में मनुष्य बेहतर प्रदर्शन करता है। इस मंत्र का जाप मंगलवार को शुरू करें तथा निरंतरता बनाए रखें। पृथ्वी पर आसन लगाकर ध्यान करें। गुड़ चने का प्रसाद मंगलदेव को चढ़ाएं। देवी मां तथा हनुमान जी को लाल फल-फूल चढ़ाएं। मंगलदेव का ध्यान उन व्यक्तियों को जरूर करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल योगकारक हैं।