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देवभूमि में मौजूद है छोटा अमरनाथ..बाबा बर्फानी के द्वार अब आप भी आइए

चमोली में स्थित टिम्मरसैंण में बिना किसी पाबंदी के जा पाने का इंतजार अब आखिरकार खत्म हुआ। अब चीन सीमा से सटे चमोली जिले की नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण गांव को केंद्र सरकार ने इनर लाइन से बाहर कर दिया है और इसी के साथ यात्रियों के लिए टिम्मरसैंण यात्रा अगले वर्ष मार्च से खुलने जा रही है। आपको बता दें कि अमरनाथ की तरह टिम्मरसैंण की गुफा में भी बर्फ का शिवलिंग आकार लेता है। इनर लाइन में होने की वजह से पाबंदियों के कारण लोग बाबा बर्फानी के दर्शन करने नहीं जा पाते थे। मगर अब केंद्र सरकार ने सभी बाधाओं को हटा दिया है और चमोली के नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण को इनर लाइन से बाहर कर दिया है। इसी के साथ टिम्मरसैंण में स्थित बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने के रास्ते भी खुल गए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार टिम्मरसैंण यात्रा अगले साल मार्च से शुरू हो जाएगी। यात्रा के जरिए सीमांत क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ेगा और गतिविधियों के शुरू होने से रोजगार भी बढ़ेगा जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिलेगी। रोजगार बढ़ेगा और रोजगार के बढ़ने से पलायन में भी कमी आएगी। टिम्मरसैंण को इनर लाइन से हटाने का फैसला सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

आइये आपको बताते हैं कि यह इनर लाइन आखिर क्या होती है। जो भी क्षेत्र दूसरे देशों की सीमा के करीब होते हैं उन क्षेत्रों को इधर लाइन घोषित कर दिया जाता है सामरिक दृष्टि से ऐसे क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इनर लाइन में आने के बाद क्षेत्र में पाबंदियां बढ़ जाती हैं और वहां जाने के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। इनर लाइन में आने वाले क्षेत्र में लोग तय अवधि के साथ ही घूम सकते हैं और रात में वहां पर विश्राम नहीं कर सकते हैं। चमोली का टिम्मरसैंण भी अबतक इनर लाइन के अंदर था जिस कारण वहां जाने पर भी पाबंदियां थीं। मगर अब केंद्र सरकार ने टिम्मरसैंण को इनर लाइन से हटा दिया है और सभी पाबंदियां भी हट गई हैं। और इसी के साथ टिम्मरसैंण की यात्रा का संचालन भी जल्द शुरू होगा। चमोली जिले के अंतर्गत जोशीमठ से लगभग 82 किलोमीटर दूर नीति घाटी में नीति गांव के नजदीक टिम्मरसैंण में भगवान महादेव की छोटी सी गुफा है जहां शीतकाल में बाबा बर्फानी अमरनाथ की तरह बर्फ का शिवलिंग बनता है। स्थानीय निवासी तो शिवलिंग के दर्शन कर लेते हैं मगर इनर लाइन में आने के कारण बाहरी लोग बर्फ के शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पाते थे। इसको देखते हुए सरकार ने आखिरकार टिम्मरसैंण को इनर लाइन से बाहर कर दिया है।

पड़ोस के निवासियों के साथ-साथ, बाहर के प्रशंसकों को भी भगवान महादेव से प्यार करने का विकल्प मिलेगा और दिन के शिवलिंग के दर्शन होंगे। सार्वजनिक प्राधिकरण अब से एक साल पहले मार्च से अपने भ्रमण की शुरुआत करेगा और यह सामान्य है कि यहां किसी भी शेष सख्त स्थानों की तरह यहां भी अफिसडोस का उछाल होगा। व्यक्तियों के पास वर्तमान में दुनिया भर से हर जगह आने का विकल्प होगा, ताकि बाडमेर में टिमरसेन को देखा जा सके। अब से एक साल बाद, aficionados के पास बाबर बर्फ़ानी को बिना किसी सीमा के और बिना किसी बाधा के देखने के लिए टिम्मारसैन आने का विकल्प होगा। ब्यूरो मंत्री महाराज ने कहा कि जोशीमठ-नीती मोटर मार्ग पर स्नो कटर और अन्य गियर सुलभ बनाए जा रहे हैं और इसके माध्यम से बर्फ को बाहर निकाला जाएगा। कार्रवाई के विभिन्न पाठ्यक्रम अतिरिक्त रूप से बनाए जा रहे हैं। पायनियर यात्रा उद्योग की कवायद तिम्मरसैन यात्रा के साथ शुरू होगी और काम के उद्घाटन से वृद्धि होगी।