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खुद सिर्फ चौथी पास होने के बावजूद अपने घर के 11 सदस्यों को बना डाला आईएस पीसीएस समेत बड़े पदाधिकारी

दुनिया में हर एक माता पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे को पढ़ लिखकर बड़े पदाधिकारी बने तो कुछ माता-पिता का सपना साकार हो पाता है। तो खुद का नहीं लेकिन हर किसी के भाग्य में आईएसपीसीएस पन्ना नहीं होता। अगर किसी परिवार का एक व्यक्ति आगे से किसी अधिकारी बन जाता है। तो पूरे खानदान को उसको गर्व होता है। और उसकी कितनी पीढ़ियां उसके गुणगान करती है लेकिन अगर आपको सुनाई पड़ेगी एक ही परिवार के 11 लोग अधिकारी पद पर तैनात हैं तो कैसा लगेगा।

लेकिन ज़रा सोचिए क्या होगा जब आपको पता चले कि एक ही घर के 11 लोग IAS, IPS या किसी अधिकारी के पद पर है। यह किसी सपने जैसा है। लेकिन यह सपना सच है कि हरियाणा के जींद जिले में एक ऐसा परिवार रहता है जिसमें IAS और IPS के साथ-साथ 11 क्लास वन के पद पर है। इन सब का श्रेय परिवार के सिर्फ़ एक आदमी को जाता है, जो ख़ुद तो आईएएस या आईपीएस अधिकारी नहीं थे लेकिन अपने घर के 11 सदस्यों को अधिकारी बनाने में जी तोड़ मेहनत की।

चौधरी बसंत सिंह श्योंकद (Chaudhary Basant Singh Shyokand) जो की हरियाणा के जींद जिले के गाँव डूमरखां कलां के रहने वाले हैं, जो सिर्फ़ चौथी पास थे। अपनी इच्छा शक्ति से और बड़े-बड़े अफसरों के साथ संगत से इन्होंने भी सपना देखा कि इनके घर के बच्चे भी बड़े-बड़े अफसर बने, भले ही यह उतने पढ़े-लिखे नहीं है तो क्या हुआ? और इन्होंने अपने सपने को सच कर दिखाया। दुनिया भी आज इनकी कायल हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चौधरी बसंत सिंह श्योंकद चौथी क्लास तक ही पढ़े लिखे थे। इसी साल मई में 99 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया लेकिन उन्होंने अपने परिवार के लिए इतना कुछ कर दिया कि युगो-युगो तक उन्हें याद किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चौधरी बसंत सिंह श्योंकद चौथी क्लास तक ही पढ़े लिखे थे। इसी साल मई में 99 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया लेकिन उन्होंने अपने परिवार के लिए इतना कुछ कर दिया कि युगो-युगो तक उन्हें याद किया जाएगा।

दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, बसंत सिंह के को बड़े बेटे हैं रामकुमार श्योकंद वह कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं, ओर उनका बेटा यशेंद्र IAS ऑफिसर है, तो वहीं उनकी बेटी स्मिति चौधरी अंबाला में रेलवे एसपी के पद पर तैनात हैं। बसंत सिंह के दूसरे बेटे कॉन्फेड में जीएम थे और उनकी पत्नी डिप्टी डीइओ रह चुकी हैं और इस तरह उनका पूरा परिवार किसी न किसी अधिकारी के पद पर काम कर रहे हैं, जो बसंत सिंह के साथ-साथ पूरे समाज और देश के लिए गर्व की बात है।