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ब्लैक फंगस से पहली मौत हुई उत्तराखंड में ..17 मरीजों में वायरस की पुष्टि ऋषिकेश AIIMS में

उत्तराखंड पर कोरोना के साथ साथ ब्लैक फंगस का खतरा मंडरा रहा है..अब तक उत्तराखँड में इस वायरस के कई मामले सामंने आ चुके हैं। इस बीच एक बुरी खबर है..ये खबर ऋषिकेश एम्स से आई है। एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से पहली मौत हुई है। इसके अलावा एम्स में भर्ती उत्तराखंड के 12 और यूपी के 5 कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस वायरस की पुष्टि हो गई है। सबसे ज्यादा 5 संक्रमित हरिद्वार जिले के रहने वाले हैं। खबर है कि एम्स के विशेषज्ञों की टीम ने इनमें से 11 संक्रमितों की आंखों की सर्जरी भी कर दी है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले देहरादून से एम्स में एक युवक रेफर करवाया गया था। युवक कोविड संक्रमण से पीड़ित था। जांच के दौरान युवक में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 36 साल के उस युवक की ब्लैक फंगस से शुक्रवार दोपहर को मौत हो गई थी, लेकिन इसकी जानकारी रविवार को सामने आई। इस बीच ब्लैक फंगस के संदिग्ध लक्षणों के चलते कई बारी मरीजों की भी जांच की गई। जिनमें ये संक्रमण पाया गया है, उनमें 12 मरीज उत्तराखंड के हैं। आगे जानिए ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं।

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ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के लक्षण
आंख, नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होता है।
मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ निकलता है।
खून की उल्टी होने के साथ सिर दर्द और बुखार होता है।
मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है।
दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होने लगती है।
मरीज को चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है।
मरीजों को सीने में दर्द होता है।
इतना ही नहीं कई मरीजों को धुंधला दिखाई देता है।
-स्थिति बेहद खराब होने की स्थिति में मरीज बेहोश हो जाता है।
डॉक्टरों ने इसी के साथ अपने इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की सलाह दी है और अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल किया जाए और साथ में नियमित रूप से प्राणायाम और योग भी इस इंफेक्शन से बचाने में लाभदायक होते हैं।