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इन परिस्थितियों में बिलकुल न हसे वरना चढ़ सकता है पाप

हसना एक अच्छी बात है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे माहौल में अपनी हसी नहीं रोक पाते जहाँ पर हसी की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है ,

वे पांच स्थान जहां पर व्यक्ति को नहीं चाहिए हंसना:

1. श्मशान में नहीं हंसना चाहिए: यदि कोई मनुष्य श्मशान में जाकर हंसता है तो उसका यह हंसना 100 पापों के समान माना जाता है। श्मशान में हंसने से उस मनुष्य के परिवार का भी अनादर माना जाता है जो परिवार शोक में डूबा हुआ है।

2. अर्थी के पीछे भी कभी नहीं हंसना चाहिए: किसी भी मृतक के शोक यात्रा में जाने पर भी नहीं हंसना चाहिए। ऐसा करने से उस मृतक शख्स का अपमान होता है जिसकी मौत हुई रहती है।

3. किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर: किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर भी हमें हंसी-ठिठोली नहीं करना चाहिए। यहां तक कि शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर वहां फालतू की बातें या गप्पे भी नहीं करना चाहिए।

4. मंदिर में भी नहीं करना चाहिए हंसी-ठिठोली: हमें किसी मंदिर में भी कभी हंसी-ठिठोली नहीं करना चाहिए। क्योकि मंदिर में हम ईश्वर से कुछ मांगने के लिए जाते हैं इसलिए मंदिर में शांत मन से ईश्वर को याद करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए।

5. किसी धार्मिक कथा में जाने पर: हमें ऐसी जगह पर भी हंसी-ठिठोली से बचना चाहिए जहां पर ईश्वर की कथा हो रही हो। कथा में हंसी-ठिठोली करने से जहां हम ज्ञान की बातों से वंचित होते हैं वही दूसरे लोगों को भी इससे परेशानी होती है।